Koi Humdam Na Raha

हे हे हे हे हे हे हे हे
कोई हमदम न रहा कोई सहारा न रहा

हम किसी के न रहे कोई हमारा ना रहा
कोई हमदम न रहा कोई सहारा न रहा

शाम तन्हाई की है आएगी मंज़िल कैसे
शाम तन्हाई की है आएगी मंज़िल कैसे

जो मुझे राह दिखाए वही तारा न रहा
कोई हमदम न रहा कोई सहारा न रहा

ए नज़ारों न हस्सो मिल न सकूँगा तुमसे
ए नज़ारों न हस्सो मिल न सकूँगा तुमसे

वह मेरे हो न सके मैं भी तुम्हारा न रहा
कोई हमदम न रहा कोई सहारा न रहा

क्या बताऊँ मैं कहाँ यूँही चला जाता हूँ
क्या बताऊँ मैं कहाँ यूँही चला जाता हूँ

जो मुझे फिर से बुलाह ले वह इशारा न रहा
कोई हमदम न रहा कोई सहारा न रहा
हम किसी के न रहे कोई हमारा ना रहा



Credits
Writer(s): Kishore Kumar, Majrooh Sultanpuri
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