Na Aasman Na Sitare

ना आसमान ना सितारे फरेब देते हैं
ना आसमान ना सितारे फरेब देते हैं
हमें तो अपने सहारे फरेब देते हैं
ना आसमान ना सितारे फरेब देते हैं
हमें तो अपने सहारे फरेब देते हैं, ना आसमान

बाहर हस्ती हुई क्यूँ चमन में आती हैं
बाहर हस्ती हुई क्यूँ चमन मे आती हैं
ये चार दिन के लिए फूल क्यूँ खिलते हैं
नज़र को क्यूँ ये नज़ारे फरेब देते हैं
हमें तो अपने सहारे फरेब देते हैं, ना आसमान

लगी है आग खुद अपने ही आशियाने से
लगी है आग खुद अपने ही आशियाने से
वो बदनसीब गीला क्या करे ज़माने से
के जिसको अपने ही प्यारे फरेब देते हैं
हमें तो अपने सहारे फरेब देते हैं
ना आसमान ना सितारे फरेब देते हैं
हमें तो अपने सहारे फरेब देते हैं, ना आसमान



Credits
Writer(s): Madan Mohan, Raja Mehdi Ali Khan
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