Sharifon Ka Zamane Men

शरीफ़ों का ज़माने में
अजी, बस हाल वो देखा
कि शराफ़त छोड़ दी मैंने
शराफ़त छोड़ दी मैंने
शराफ़त छोड़ दी मैंने

मोहब्बत करने वालों का
यहाँ अंजाम वो देखा
कि मोहब्बत छोड़ दी मैंने
मोहब्बत छोड़ दी मैंने
शराफ़त छोड़ दी मैंने

छुड़ा के हाथ अपनों से
चली आई मैं ग़ैरों में
चली आई मैं ग़ैरों में
पहन ली घुँघरुओं की फिर
वो ही ज़ंजीर पैरों में
वो ही ज़ंजीर पैरों में

मैं गाऊँगी, मैं नाचूँगी
इशारों पे सितमगारों के
बग़ावत छोड़ दी मैंने
बग़ावत छोड़ दी मैंने
शराफ़त छोड़ दी मैंने

ना हीरा है, ना मोती है
ना चाँदी है, ना सोना है
ना चाँदी है, ना सोना है
नहीं क़ीमत कोई दिल की
ये मिट्टी का खिलौना है
ये मिट्टी का खिलौना है

मेरी दीवानगी देखो
कि कहना मान के इस दिल का
ये दौलत छोड़ दी मैंने
शराफ़त छोड़ दी मैंने
शराफ़त छोड़ दी मैंने

मोहब्बत करने वालों का
यहाँ अंजाम वो देखा
कि मोहब्बत छोड़ दी मैंने
मोहब्बत छोड़ दी मैंने
शराफ़त छोड़ दी मैंने



Credits
Writer(s): Anand Bakshi, Kudalkar Laxmikant, Pyarelal Ramprasad Sharma
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