Na Tumse Huyi Na Hamse Huyi

हम दोनों ने देखा था एक सपना
कहीं पे छोटा सा एक घर था अपना
आँगन में उतरी थी चाँदनी रातें
हम बैठे करते थे प्यार की बातें
वो बातें, वो रातें, भूल जाएँ हम
तो हमें याद दिलाना, हाँ, भूल ना जाना

ना तुमसे हुई, ना हमसे हुई
ना तुमसे हुई, ना हमसे हुई
दोनों से मोहब्बत हो ना सकी
दोनों से मोहब्बत हो ना सकी

ना तुमसे हुई, ना हमसे हुई
ना तुमसे हुई, ना हमसे हुई
तुमसे भी ये शिकवा हो ना सका
हमसे भी शिक़ायत हो ना सकी
हमसे भी शिक़ायत हो ना सकी

ना था ऐसा इरादा, किया था हमने वादा
मगर तक़दीर है ये, कोई ज़ंजीर है ये
इसे हम तोड़ देते, ज़माना छोड़ देते
मगर जीना पड़ा है, ज़हर पीना पड़ा है

क़सम तुम तोड़ आए, वफ़ा हम छोड़ आए
चलो, इंसाफ़ कर दे, ख़ता ये माफ़ कर दे

हो, तुमसे भी शराफ़त हो ना सकी
तुमसे भी शराफ़त हो ना सकी
हमसे भी शराफ़त हो ना सकी
हमसे भी शराफ़त हो ना सकी

ना तुमसे हुई, ना हमसे हुई
ना तुमसे हुई, ना हमसे हुई
दोनों से मोहब्बत हो ना सकी
दोनों से मोहब्बत हो ना सकी

फ़लक जो काम दे-दे, जिसे जो नाम दे-दे
बदल सकता नहीं वो, सँभल सकता नहीं वो
हमारा नाम क्या है? हमारा काम क्या है?
वही करना पड़ेगा, यूँ ही मरना पड़ेगा

शरीफ़ों में हमारा नहीं होगा गुज़ारा
लुटी उल्फ़त हमारी, गई इज़्ज़त हमारी

तुमसे भी हिफ़ाज़त हो ना सकी
तुमसे भी हिफ़ाज़त हो ना सकी
हमसे भी हिफ़ाज़त हो ना सकी
हमसे भी हिफ़ाज़त हो ना सकी

ना तुमसे हुई, ना हमसे हुई
ना तुमसे हुई, ना हमसे हुई
दोनों से मोहब्बत हो ना सकी
दोनों से मोहब्बत हो ना सकी



Credits
Writer(s): Anand Bakshi, Rahul Dev Burman
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