Kabhi Ruhani Kabhi Rumani (From "Raja Natwarlal")

वरक़ा-वरक़ा मोहब्बत का
लिख दे आज दिल से
लमहा-लमहा तू बेहतर सा
कर दे आज-कल से

तुमसे मिल के, मिला मैं खुद से
तुमसे रस्म-ए-वफ़ा सीखी
खुद को सपने दिखाने की आदत
तुमसे पहली दफ़ा सीखी

कभी रूहानी, कभी रूमानी करे जवानी तू
कभी रूहानी, कभी रूमानी करे जवानी तू

हो, चाहे खताएँ तू करे, चाहे करूँ मैं ग़लतियाँ
होगी वफ़ा ना कम कभी, होगी ना दूरी अब दरमियाँ
तुमसे जुदा होके भला जाना है कहाँ, ओ-ओ, ओ-ओ
महके तेरे ख़याल से ख़्वाबों का जहाँ, ओ-ओ, ओ-ओ

शराफ़त भी तू, सियासत भी तू, मेरी यार शैतानी तू
कभी रूहानी, कभी रूमानी करे जवानी तू
कभी रूहानी, कभी रूमानी करे जवानी तू

हो, तू भी ख़याल सा है मेरे, मैं भी तेरा एहसास हूँ
मेरी यहीं है ख़्वाहिशें, वादें सारे मैं निभा सकूँ
कितना चाहूँ तुझे बता कैसे मैं कहूँ? ओ-ओ, ओ-ओ
तेरा ही था, तेरा ही हूँ, तेरा ही रहूँ, ओ-ओ, ओ-ओ

सुने जो खुदा तो मांगूँ दुआ कभी ना हो बेगानी तू
कभी रूहानी...

वरक़ा-वरक़ा मोहब्बत का
लिख दे आज दिल से
लमहा-लमहा तू बेहतर सा
कर दे आज-कल से



Credits
Writer(s): Irshad Kamil, Yuvan Shankar Raja
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