Jane Kya Haal Ho Kal Sheeshe Ka

जाने क्या हाल हो कल शीशे का, पैमाने का
जाने क्या हाल हो कल शीशे का, पैमाने का
आज दर छोड़ चला है कोई मयख़ाने का
जाने क्या हाल हो...

हाथ थर्राने लगे, जाम गिरा, टूट गया
हाथ थर्राने लगे, जाम गिरा, टूट गया

ये कोई वक़्त ना था आप के याद आने का
ये कोई वक़्त ना था आप के याद आने का
जाने क्या हाल हो...

फिर ना शरमाओगे तुम अपनी कहानी सुन के
फिर ना शरमाओगे तुम अपनी कहानी सुन के

दर्द थोड़ा सा मिला लो मेरे अफ़साने का
दर्द थोड़ा सा मिला लो मेरे अफ़साने का
जाने क्या हाल हो...

बेवफ़ाई का गिला सुन के हँसी आती है
बेवफ़ाई का गिला सुन के हँसी आती है

ढूँढिए और बहाना कोई तड़पाने का
ढूँढिए और बहाना कोई तड़पाने का
जाने क्या हाल हो कल शीशे का, पैमाने का
आज दर छोड़ चला है कोई मयख़ाने का
जाने क्या हाल हो...



Credits
Writer(s): Madan Mohan, Kaifi Azmi
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