Beparwah

थरथराते हैं लम्हे, वक्त रुख़ बदलता है
दूर साहिलों पर कहीं दिन ये ढलता है
थरथराते हैं लम्हे, वक्त रुख़ बदलता है
दूर साहिलों पर कहीं दिन ये ढलता है

कतरा-कतरा सन्नाटा मोम सा पिघलता है
खेलने वाला कोई नहीं, खेल फिर भी चलता है
१०० चेहरे आएँ-जाएँ, यादों में वही रह जाएँ

बेपरवाह, बेपरवाह हो जाएँ जो
बेपरवाह, बेपरवाह हो जाएँ जो
बेपरवाह, बेपरवाह हो जाएँ जो
बेपरवाह, बेपरवाह हो जाएँ जो

आँखों पे भरोसा ना कर, धोका है हर एक मंज़र
मिलते हैं जो गले खुल के, वही वार करें छुप कर
आँखों पे भरोसा ना कर, धोका है हर एक मंज़र
मिलते हैं जो गले खुल के, वही वार करें छुप कर

शोर में है सरगोशी, होश में है बेहोशी
होंठ सबके सिल जाएँगे बोलेगी जब खामोशी
१०० चेहरे आएँ-जाएँ, यादों में वही रह जाएँ

बेपरवाह, बेपरवाह हो जाएँ जो
बेपरवाह, बेपरवाह हो जाएँ जो
बेपरवाह, बेपरवाह हो जाएँ जो
बेपरवाह, बेपरवाह हो जाएँ जो

कुछ हल्का, कुछ गहरा राज़ है लब पे ठहरा
जाल के अंदर जाल है, चेहरे पे है चेहरा
कुछ हल्का, कुछ गहरा राज़ है लब पे ठहरा
जाल के अंदर जाल है, चेहरे पे है चेहरा

हँसती आँखों वाले सभी मीठी बातों वाले
होंठों से ना छूना कभी ये ज़हर के प्याले
१०० चेहरे आएँ-जाएँ, यादों में वही रह जाएँ

बेपरवाह, बेपरवाह हो जाएँ जो
बेपरवाह, बेपरवाह हो जाएँ जो
बेपरवाह, बेपरवाह हो जाएँ जो
बेपरवाह, बेपरवाह हो जाएँ जो



Credits
Writer(s): Manoj Muntashir, Meet Brothers Anjjan
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