Bakhuda Khullam Khulla

गिर्रगिट
गिर्रगिट
गरगिट, गिरगिट
अरे, गिरगिट जैसा आज का इनसाँ
बदले पल-पल रंग
देख के हाल जहाँ का यारों
हम तो रह गए दंग

बख़ुदा ख़ुल्लम-ख़ुल्ला
कहता है रहमतुल्ला
बख़ुदा ख़ुल्लम-ख़ुल्ला
कहता है रहमतुल्ला

तेरी दुनिया का या रब कैसा दस्तूर हुआ?
असली को पूछे ना कोई, नकली मशहूर हुए

बख़ुदा ख़ुल्लम-ख़ुल्ला
कहता है रहमतुल्ला
बख़ुदा ख़ुल्लम-ख़ुल्ला
कहता है रहमतुल्ला

है सब दौलत के पीछे मची दौड़ा-दौड़ी
जो दिल बाज़ार में बेचो, देगा ना कोई कौड़ी
है सब दौलत के पीछे मची दौड़ा-दौड़ी
जो दिल बाज़ार में बेचो, देगा ना कोई कौड़ी

हुस्न के नाम पे यारों, हाँ
हुस्न के नाम पे यारों ख़जाने खुल जाते हैं
उसूलों वाले दिल भी बर्फ़ से घुल जाते हैं
घोटाला ऐसा कैसे तुझको मंज़ूर हुआ?

बख़ुदा ख़ुल्लम-ख़ुल्ला
कहता है रहमतुल्लाय

नाम किसी का, माल किसी का, चल निकला व्यापार
जहाँ पे देखो गरम-गरम चोरी का बाज़ार
नाम किसी का, माल किसी का, चल निकला व्यापार
जहाँ पे देखो गरियम-गरियम चोरी का बाज़ार

आँखें रखते हैं मगर, हाँ
आँखें रखते हैं मगर फिर भी अँधें हैं कई
बिना आँखों के देखे ऐसे बँदे हैं कई
नाम ही सच्चाई का दुनिया से दूर हुआ

बख़ुदा ख़ुल्लम-ख़ुल्ला
कहता है रहमतुल्लाय

हीरा तो काँच बना है, काँच बना हीरा
हीरा तो काँच बना है, काँच बना हीरा
के तुक्कड़ खाए मलाई, भूख अमीर कबीरा
के तुक्कड़ खाए मलाई, भूख अमीर कबीरा
हीरा तो काँच बना है, काँच बना हीरा

वाह रे बेईमानी, ईं
वाह रे बेईमानी, तीर ये कैसे छोड़े!
गधे पर औ–, गधे पर औ–
गधे पर औ-औ
गधे पर जो ना बैठे दौड़ाते हैं वो घोड़े

बेर हैं महँगे-महँगे, सस्ता अँगूर हुआ

बख़ुदा ख़ुल्लम-ख़ुल्ला
कहता है रहमतुल्ला
बख़ुदा ख़ुल्लम-ख़ुल्ला
कहता है रहमतुल्ला

पढ़ के बिटुआ, ए बिटुआ
ए, बिटुआ, हे
हे



Credits
Writer(s): Kishore Kumar, Indeewar
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