Main Tujhse Pyaar Nahin Karti

मैं तुझसे प्यार नहीं करती
मैं तुझसे प्यार नहीं करती
पर कोई ऐसी शाम नहीं
जब मैं अपनी तनहाई में
तेरा इंतज़ार नहीं करती
मैं तुझसे प्यार नहीं करती

मैं तुझसे प्यार नहीं करती
पर शहर में जिस दिन तू ना हो
ये शहर पराया लगता है
हर फूल लगे बेगाना सा
हर शजर पराया लगता है
मैं तुझसे प्यार...

वो अलमारी कपड़ों वाली
लावारिस हो जाती है
ये पहनूँ या वो पहनूँ?
ये उलझन भी खो जाती है

मुझे ये भी याद नहीं आता
रंग कौनसे मुझको प्यारे हैं
मेरे शौक़, पसंद मेरी
बिन तेरे सब बंजारे हैं
मैं तुझसे प्यार नहीं करती
मैं तुझसे प्यार नहीं करती

मैं तुझसे प्यार नहीं करती
मैं तुझसे प्यार नहीं करती
पर ऐसा कोई दिन है क्या
जब याद तुझे, तेरी बातों को
१००-१०० बार नहीं करती?
१००-१०० बार नहीं करती



Credits
Writer(s): M. M. Kreem, Manoj Muntashir
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