Kal Bhi Man

कल भी मन अकेला था, आज भी अकेला है

कल भी मन अकेला था, आज भी अकेला है
कल भी मन अकेला था, आज भी अकेला है
जाने मेरी क़िस्मत ने कैसा खेल खेला है
कल भी मन अकेला था, आज भी अकेला है
कल भी मन अकेला था, आज भी अकेला है

ढूँढते हो तुम ख़ुशबू काग़ज़ी गुलाबों में
ढूँढते हो तुम ख़ुशबू काग़ज़ी गुलाबों में
प्यार सिर्फ़ मिलता है आजकल किताबों में
प्यार सिर्फ़ मिलता है आजकल किताबों में

ढूँढते हो तुम ख़ुशबू काग़ज़ी गुलाबों में
प्यार सिर्फ़ मिलता है आजकल किताबों में

रिश्ते-नाते झूठे हैं, स्वार्थ का झमेला है
जाने मेरी क़िस्मत ने कैसा खेल खेला है
कल भी मन अकेला था, आज भी अकेला है
कल भी मन अकेला था, आज भी अकेला है

ज़िंदगी के मंडप में हर ख़ुशी कँवारी है
ज़िंदगी के मंडप में हर ख़ुशी कँवारी है
किस से माँगने जाएँ, हर कोई भिकारी है
किस से माँगने जाएँ, हर कोई भिकारी है

ज़िंदगी के मंडप में हर ख़ुशी कँवारी है
किस से माँगने जाएँ, हर कोई भिकारी है

क़हक़हों की आँखों में आँसुओं का रेला है
जाने मेरी क़िस्मत ने कैसा खेल खेला है
कल भी मन अकेला था, आज भी अकेला है
कल भी मन अकेला था, आज भी अकेला है

जाने मेरी क़िस्मत ने कैसा खेल खेला है
कल भी मन अकेला था, आज भी अकेला है
कल भी मन अकेला था, आज भी अकेला है



Credits
Writer(s): Manhar Udhas, Hullad Muradabadi
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