Aao Tumko Ghar

शाम ढलती जा रही है, एक सदा सी आ रही है
आओ, तुमको घर पे छोड़ आऊँ

शाम ढलती जा रही है, एक सदा सी आ रही है
आओ, तुमको घर पे छोड़ आऊँ

तुम निखर रही हो और रात में
क्या असर हुआ है, क्या बताऊँ

चाँद तुम पे दिल को वारे, जाँ लुटाएँ ये सितारे
इससे पहले घर पे छोड़ आऊँ
अरे, आओ, तुमको घर पे छोड़ आऊँ

सोचता हूँ मस्त चाल देखकर
ख़त्म हों ये रास्ते ना उम्र-भर
हो, वक्त के क़दम कभी नहीं रुकें
हम कभी रुकें, कभी चले चलें

घर कभी ना आए तेरा, दिल यही तो चाहे मेरा
कैसे मगर तुमको रोक पाऊँ?
अरे, आओ, तुमको घर पे छोड़ आऊँ

तुम निखर रही हो और रात में
क्या असर हुआ है, क्या बताऊँ

चाँद तुम पे दिल को वारे, जाँ लुटाएँ ये सितारे
इससे पहले घर पे छोड़ आऊँ
अरे, आओ, तुमको घर पे छोड़ आऊँ

बढ़ती जा रही हैं दिल की धड़कनें
हर क़दम पे सैकड़ों हैं उलझनें
हाँ, क्या कहें? कि कुछ कहा ना जाए है
बिन कहे भी अब रहा ना जाए है

इन लबों पे थिरकनें हैं, प्यासी-प्यासी चाहते हैं
जाम सामने है, पी ना जाऊँ
अरे, आओ, तुमको घर पे छोड़ आऊँ
शाम ढलती जा रही है, एक सदा सी आ रही है
आओ, तुमको घर पे छोड़ आऊँ

तुम निखर रही हो और रात में
क्या असर हुआ है, क्या बताऊँ

चाँद तुम पे दिल को वारे, जाँ लुटाएँ ये सितारे
इससे पहले घर पे छोड़ आऊँ
अरे, आओ, तुमको घर पे छोड़ आऊँ

छोड़ आऊँ, छोड़ आऊँ
छोड़ आऊँ, छोड़ आऊँ



Credits
Writer(s): Rajesh Roshan Nagrath, Dev Dev
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