Jaane Tere Shehar

जाने तेरे शहर का क्या इरादा है
जाने तेरे शहर का क्या इरादा है
आसमान कम, परिंदे ज़्यादा हैं
हो, जाने तेरे शहर का क्या इरादा है

खुशी का हिस्सा, ग़म का हिस्सा
घूँट का हिस्सा, दम का हिस्सा
ज़ख्म और मरहम का हिस्सा
दिल फ़रोशी का ये क़िस्सा

जाने तेरा इश्क़ भी क्या तमाशा है
जाने तेरा इश्क़ भी क्या तमाशा है
रात को मुल्ज़िम, दिन में ख़ुदा सा है
जाने तेरे शहर का क्या इरादा है

जाने हम पे कौन सी ऐसी तोहमत है
समझ ना पाएँ ऐब है या ये आदत है
मलमल में लिपटे हैं, फिर भी बिखरे हैं
बस ये जाम हमारा है, हम इसके हैं

यूँ तो मेरा दर्द ही एक दवा सा है
यूँ तो मेरा दर्द ही एक दवा सा है
हर घड़ी ज़िंदा, हर दिन नया सा है
जाने तेरे शहर का क्या इरादा है



Credits
Writer(s): Arko
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