Tumhe Apna Banane Ka (From "Hate Story 3")

तुम्हे अपना बनाने का जुनून
सर पे है, कब से है

मुझे आदत बना लो इक बुरी
कहना ये तुमसे है

तुम्हे अपना बनाने का जुनून
सर पे है, कब से है
सर पे है, कब से है

जिस्म के समंदर में
इक लेहर जो ठहरी है
उसमे थोड़ी हरक़त होने दो

शायरी सुनाती इन, दो नशीली आँखों को
मुझको पास आके पढ़ने दो
इश्क़ की ख्वाहिशों में
भीग लो बारीशों में
आओ ना

तुम्हे पाकर ना खोने का जुनून
सर पे है, कब से है

मुझे नज़रों में रख लो तुम कहीं
कहना ये तुमसे है
तुम्हे अपना बनाने का जुनून
सर पे है, कब से है
सर पे है, कब से है

रोकना नही मुझको
ज़िद्द पे आ गयी हूँ मैं
इस क़दर दीवानापन चढ़ा

देखो ना यहाँ आके
मेरा हाल कैसा है
टूट के अभी तक ना जुड़ा

अब संभलना नही है
जो भी है वो सही है
आओ ना

तुम्हे खुद से मिलाने का जुनून
सर पे है, कब से है
मुझे रहने दो अपने पास ही
कहना ये तुमसे है

तुम्हे अपना बनाने का जुनून
सर पे है, कब से है
सर पे है, कब से है



Credits
Writer(s): Amal Israr Mallik, Shreebarun
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