Mumkin Hai (From "Bol")

मुमकिन है मुमकिन है
बहार मुमकिन है
ज़िन्दगी में लिखा
मुमकिन है मुमकिन है
बहार मुमकिन है
ज़िन्दगी में लिखा
ख्वाहिशों का
करार मुमकिन है
इक नयी परवाह मुमकिन है हो
मुमकिन है मुमकिन है
बहार मुमकिन है
ज़िन्दगी में लिखा

जुस्तुजू रंग लायी
है कुछ इस तरह
दिल की हर आरज़ू
मुस्कुराने लगी
आसमान मेहरबान हो गया
और ज़मीन
गुनगुनाने लगी है
मुमकिन है मुमकिन है
बहार मुमकिन है
ज़िन्दगी में लिखा

खुशनुमा दिल जुबां
चूड़ियां पहन कर
हर कलाई चणक
ने खनक ने लगी
कानों की बालियां
बोल उठी हैं
गीत होंठों पे
यूँ आने लगे हैं
मुमकिन है मुमकिन है
बहार मुमकिन है
ज़िन्दगी में लिखा
ख्वाहिशों का
करार मुमकिन है
इक नयी परवाह
मुमकिन है हो.



Credits
Writer(s): Shoaib Mansoor
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