Yaara Re

अजनबी कहें, के अपना कहें
अब क्या कहें, क्या ना कहें
अजनबी कहें, के अपना कहें
अब क्या कहें, क्या ना कहें
इशारे भी चुप हैं, ज़ुबां ख़ामोश है
सदा गुमसुम सी है, तन्हा आगोश है
यारा रे, यारा रे
क्यूँ फासलों में भी तू यारा रे
यारा रे, यारा रे
क्यूँ फासलों में भी तू यारा रे

तू छूट कर, क्यूँ छूटा नहीं
कुछ तो जुदा है अभी
मैं टूट कर, क्यूँ टूटा नहीं
जीने में है तू कहीं
इशारे भी चुप हैं, ज़ुबां ख़ामोश है
सदा गुमसुम सी है, तन्हा आगोश है
यारा रे, यारा रे
क्यूँ फासलों में भी तू यारा रे
यारा रे, यारा रे
क्यूँ फासलों में भी तू यारा रे

है हर घड़ी वो तिश्नगी
जो एक पल भी ना बुझी
है ज़िन्दगी चलती हुई
पर ये ज़िन्दगी ही नहीं
इशारे भी चुप हैं, ज़ुबां ख़ामोश है
सदा गुमसुम सी है, तन्हा आगोश है
यारा रे, यारा रे
क्यूँ फासलों में भी तू यारा रे
यारा रे, यारा रे
क्यूँ फासलों में भी तू यारा रे



Credits
Writer(s): Sandeep Nath, Ankit Tiwari
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link