Rishte Naate

रिश्ते-नाते सँभल नहीं पाते
रिश्ते-नाते सँभल नहीं पाते
खोटे सिक्के हैं, चल नहीं पाते
रिश्ते-नाते सँभल नहीं पाते
खोटे सिक्के हैं, चल नहीं पाते
रिश्ते-नाते सँभल नहीं पाते

तेज़ लगती है धूप सायों को
तेज़ लगती है धूप सायों को
तेज़ लगती है धूप सायों को
साथ मेरे वो चल नहीं पाते
साथ मेरे वो चल नहीं पाते

खोटे सिक्के हैं, चल नहीं पाते

रिश्ते-नाते सँभल नहीं पाते

मुश्क़िलों का करम रहा हम पर
मुश्क़िलों का करम रहा हम पर
मुश्क़िलों का करम रहा हम पर
ये ना होती तो हल नहीं पाते
ये ना होती तो हल नहीं पाते

खोटे सिक्के हैं, चल नहीं पाते

रिश्ते-नाते सँभल नहीं पाते

कैसे बदलेंगे सारी दुनिया को?
कैसे बदलेंगे सारी दुनिया को?
कैसे बदलेंगे सारी दुनिया को?
जबके ख़ुद को बदल नहीं पाते
जबके ख़ुद को बदल नहीं पाते

खोटे सिक्के हैं, चल नहीं पाते

रिश्ते-नाते सँभल नहीं पाते

कैसा कलयुग ये चल रहा है के!
कैसा कलयुग ये चल रहा है के!
कैसा कलयुग ये चल रहा है के!
लोग करनी का फल नहीं पाते
लोग करनी का फल नहीं पाते

खोटे सिक्के हैं, चल नहीं पाते

रिश्ते-नाते सँभल नहीं पाते



Credits
Writer(s): Anup Jalota, Harsh Brahmbhaat
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