Baat Meri Suniye To Zara

बात मेरी सुनिए तो ज़रा
बात मेरी सुनिए तो ज़रा
मेरी बात सुनके बताइए के इसके बारे
मे है आप का ख्याल क्या
इतना क्यो गुरूर आप मे है
इतना आप मे है नाज़ किसलिए
बताइए है किसने यह सिखाया आपको
के जो भी तुमको चाहे जो भी तुम को प्यार से
मिले उसी से तुम रहो खफा खफा

बात मेरी सुनिए तो ज़रा
ऐसे हम नही है लेकिन हम अगर हो ऐसे भी तो
इससमे क्या हुआ
क्यो न हो गुरोर हमको क्यो न हम को नाज़ हो के
हम हसी लोगो की ही ठोकरो मे है ज़माना
जिसको देखिये हमारा है दीवाना
हम किसी का भी दिल तोड़ दे
किसको आधे रस्ते मे छोड़ दे
तो उसको भी दुनिया कहती है अदा
आप को जवाब मिल गया
कहिये कैसा आप को लगा

बात मेरी सुनिए तो ज़रा
आज सुनही लीजिये के क्या है हुस्न आपका
क्या है आप की अदा
आप के हर एक सितम को हमने ही अदा कहा

और आप की हर एक अदा को हसके हमने ही सहा
हमने ही तो ज़रा सी बात को बड़ा के दास्ता कर दिया
हमने ही तो हुस्न की ज़मीन को आसमान कर दिया है
दुनिया मे जो आप का यह हुस्न बेमिसाल है
तो इस मे भी हमारे इश्क का ही तो कमल है
अगर हमही न होते इसको कौन पूछता
आपको अगर ख्याल है.
की हम हुस्न जो मिला है आपने दिया है
यानि जो भी है कमल आपने किया है
तो यह बात साफ़ है की हमको देखते ही आपको नशा सा हो
गया है सारा होश खो गया है
वरना ऐसी उलटी सीधी बहकी बहकी बातो की वाजे है क्या

नही समाज मे आई मेरी बात तो नही सही
जो आप अपने हुस्न पर गुरोर करते है
तो करिये पर न भूल जायेगा
हम ने ही तो खून इ दिल दिया
जिससे रोप मे यह रंग आ गया है
आप का यह हुस्न दुनिया भर पे छा गया है
हो जादू बन के हम निगाहो पर छा गए
दिलो मे जो समगाये है तो हैरत इसमे क्या है
चेहरा फूल हॉट कलियां और जुल्फे है अंधेरा
ऐसा जो महक रहा है
हमने ही तो आप के इन होतो को गुलाब और चेहरे को
कमल कहा है हम ने ही तो आपकी नज़र को जादू बैटन
को ग़ज़ल कहा है हम ने ही ज़ुल्फ़ को कभी कहा है रात
और कभी घटा अगर हमी ना देखते ना चाहते ना पूछते
तो पठारो के बूथ को कौन कहता फिर कुध
बात मेरी सुनिए तो ज़रा
चोदिये भी कहने और सुनने को है बाकि क्या
देखिये मै कह रही हू बात मेरी सुनिए तो ज़रा
आप क्या कहेगी मुझको खूब है पता
अरे बात मेरी सुनिए तो ज़रा
फिर मिलेगे अगर वक़्त अगर मिला
पर बात मेरी



Credits
Writer(s): Javed Akhtar, Ehsaan Loy Shankar, Shankar, N/a Loy
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