Apna Kaun Paraya Kaun

(नी, नी, सा-सा-सा, सा-सा, रे, सा)
(नी, नी, सा-सा-सा, सा-सा, रे, सा)

अपना कौन? पराया कौन?
अपना कौन? पराया कौन?

अपनों ने वनवास दिया
अपनों ने वनवास दिया, श्री राम को सरजू पार
और पराया था जो केवट, बन गया हाथों की पतवार

कोई मन में रह के मन के सौ-सौ टुकड़े कर जाए
कोई मन से दूर हो फिर भी ये मन सुख से भर जाए

आज है क्यूँ ये मन मौन?
अपना कौन? पराया कौन?



Credits
Writer(s): Manoj Muntashir, Meet Bros Anjjan
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