Dhuan Dhuan

धुआँ-धुआँ हो रहा है समाँ
कहीं तो है आग लगी
कि हो ना हो, ये तेरा काम है
कि शोला बदन है तू ही

कि अदा से जहाँ भी तू चला, मेरे प्यारे
भड़के अंगारे चूम के तेरे क़दम

धुआँ-धुआँ हो रहा है समाँ
कहीं तो है आग लगी

देखी हैं, तेरी क़सम, ऐसी कई महफ़िलें
ओ, दिलवाले खिलते हुए, हँसते-मचलते हुए
पर जब भी, जान-ए-जिगर, तुझसे मिली है नज़र
ओ, एक-दम सुलगने लगे सीने में दाग़-ए-जिगर

कि अदा से जहाँ भी तू चला, मेरे प्यारे
भड़के अंगारे चूम के तेरे क़दम

धुआँ-धुआँ हो रहा है समाँ
कहीं तो है आग लगी

देखा है जबसे, तुझे अपना भी ये हाल है
चिंगारी ऐसी लगी, अश्कों से भी ना बुझे
तौबा है, जान-ए-अदा, ये हुस्न है या कहर?
ओ, बिजली गिराती हँसी, शोले जगाती नज़र

कि अदा से जहाँ भी तू चला, मेरे प्यारे
भड़के अंगारे चूम के तेरे क़दम

धुआँ-धुआँ हो रहा है समाँ
कहीं तो है आग लगी
कि हो ना हो, ये तेरा काम है
कि शोला बदन है तू ही

कि अदा से जहाँ भी तू चला, मेरे प्यारे
भड़के अंगारे चूम के तेरे क़दम

धुआँ-धुआँ हो रहा है समाँ
कहीं तो है आग लगी
कि हो ना हो, ये तेरा काम है
कि शोला बदन है तू ही



Credits
Writer(s): Majrooh Sultanpuri, Anu Malik
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