Toh Zinda Ho Tum

दिलों में तुम अपनी
बेताबियाँ लेके चल रहे हो
तो ज़िंदा हो तुम
नज़र में ख्वाबों की बिजलियाँ
लेके चल रहे हो, तो ज़िंदा हो तुम
हवा के झोकों के जैसे
आज़ाद रहना सीखो
तुम एक दरिया के जैसे
लहरों में बहना सीखो
हर एक लम्हे से तुम मिलो
खोले अपनी बाहें
हर एक पल एक नया समा
देखे यह निगाहें
जो अपनी आँखों में हैरानियाँ
लेके चल रहे हो
तो ज़िंदा हो तुम
दिलों में तुम अपनी बेताबियाँ
लेके चल रहे हो
तो ज़िंदा हो तुम



Credits
Writer(s): Javed Akhtar
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