Desh Ki Mitti (From "Netaji Subhas Chandra Bose: The Forgotten Hero")

मुझे याद आती हैं, मुझे याद आती हैं

अपने देश की मिट्टी की खुशबू मुझे याद आती है
अपने देश की मिट्टी की खुशबू मुझे याद आती है
कभी बहलाते है, कभी तड़पाते है
कभी बहलाते है, कभी तड़पाते है

मुझे याद आती है, ओ, अपने देश की मिट्टी
अपने देश की मिट्टी की खुशबू मुझे याद आती है

बीते पल छूने लगे है दिल को ऐसे
दोस्त रखे हाथ कंधे पे जैसे
कैसी ये किरने सी छन रही है
कैसी तस्वीर सी बन रही है

कितने मौसम यादो मे है आते-जाते
बारिश आई खुल गए है काले छाते
दिन है अलसाये हुए जो आयी गर्मी
सर्दियो की धुप मे है कैसी नरमी

पल-पल एक समय की निंदिया है जी बेहती जाती है
अपने देश की मिट्टी की खुशबू मुझे याद आती है

पिघले तन्हाइयो के है जो अंधेरे
जगमगाने से लगे है कितने चेहरे
एक लोरी है, एक लाल बिंदिया
लौट आई है मेरे बचपन की निंदिया

ओ, कोई एक तारे पर कब से गा रहा है
कोई आँचल जाने क्यूँ लहरा रहा है
हर घडी नई बात एक याद आ रही है
दिल पे पगडंडी सी जैसे बन गई है
ये पगडंडी मेरे दिल से मेरे देश जाती है

अपने देश की मिट्टी की खुशबू मुझे याद आती है
अपने देश की मिट्टी की खुशबू मुझे याद आती है

मुझे याद आती है



Credits
Writer(s): Javed Akhtar, A R Rahman
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link