Yeh Raat Yeh Chandni (From "Jaal")

ये रात, ये चाँदनी फिर कहाँ?
सुन जा दिल की दास्ताँ
ये रात, ये चाँदनी फिर कहाँ?
सुन जा दिल की दास्ताँ

पेड़ों की शाख़ों पे
पेड़ों की शाख़ों पे सोई-सोई चाँदनी
पेड़ों की शाख़ों पे
तेरे ख़्यालों में खोई-खोई चाँदनी
और थोड़ी देर में थक के लौट जाएगी
रात ये बहार की फिर कभी न आएगी
दो-एक पल और है ये समाँ
सुन जा दिल की दास्ताँ

लहरों के होंटों पे
लहरों के होंटों पे धीमा-धीमा राग है
लहरों के होंटों पे
भीगी हवाओं में ठंडी-ठंडी आग है
इस हसीन आग में तू भी जलके देखले
ज़िंदगी के गीत की धुन बदल के देखले
खुलने दे अब धड़कनों की ज़ुबाँ
सुन जा दिल की दास्ताँ
ये रात, ये चाँदनी फिर कहाँ?
सुन जा दिल की दास्ताँ
दास्ताँ, दास्ताँ



Credits
Writer(s): Sahir Ludhianvi, S.d. Burman
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