Muskurate Raho Gam Chupate Raho - From "Nazrana Pyar Ka"

ग़म छुपाते रहो...
ग़म छुपाते रहो, ग़म छुपाते रहो
मुस्कुराते रहो, मुस्कुराते रहो
ज़िंदगी गीत है, ज़िंदगी गीत है
इस को गाते रहो, इस को गाते रहो
ग़म छुपाते रहो, मुस्कुराते रहो

ग़म से खाली ज़माने में कोई नहीं
वो हँसी कौन सी है जो रोई नहीं?
ग़म से खाली ज़माने में कोई नहीं
वो हँसी कौन सी है जो रोई नहीं?

यूँ जियो; दूसरों को हसाते रहो
मुस्कुराते रहो, मुस्कुराते रहो
ज़िंदगी गीत है, ज़िंदगी गीत है
इस को गाते रहो, इस को गाते रहो
ग़म छुपाते रहो, मुस्कुराते रहो

हर जगह वक़्त की अपनी रफ़्तार है
ये कभी ग़ैर है, ये कभी यार है
हर जगह वक़्त की अपनी रफ़्तार है
ये कभी ग़ैर है, ये कभी यार है

ग़ैर से यार बन के निभाते रहो
ग़म छुपाते रहो, मुस्कुराते रहो
ज़िंदगी गीत है, ज़िंदगी गीत है
इस को गाते रहो, इस को गाते रहो
ग़म छुपाते रहो, मुस्कुराते रहो

कौन सी आँख है जिस में सपना नहीं?
सब हैं अपने मगर कोई अपना नहीं
कौन सी आँख है जिस में सपना नहीं?
सब हैं अपने मगर कोई अपना नहीं

आँसुओं को तो ग़स्सू बनाते रहो
मुस्कुराते रहो, मुस्कुराते रहो
ग़म छुपाते रहो, ग़म छुपाते रहो
मुस्कुराते रहो, मुस्कुराते रहो
ज़िंदगी गीत है, ज़िंदगी गीत है
इस को गाते रहो, इस को गाते रहो
ग़म छुपाते रहो, मुस्कुराते रहो



Credits
Writer(s): Hemant Bhosle, Nida Fazli
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