Zindagi Kya Hai Ik Lateefa Hai

सोम, मंगल, बुध, वीर
शुक्र, शनी, इतवार
सात दिनों में हँसना चाहिए
कम से कम ७०० बार
(अच्छा दादा) हाँ, तो बच्चो

ज़िंदगी क्या है? एक लतीफ़ा है
ज़िंदगी क्या है? एक लतीफ़ा है
जीने का यही बस तरीका है
ज़िंदगी क्या है? एक लतीफ़ा है
जीने का यही बस तरीका है
तो लो, तो लो, तो लो एक लतीफ़ा सुनो

एक बहरा, एक अंधा, एक लंगड़ा और एक भिकारी
जंगल में जा रहे थे, चलते-चलते बहरे ने कहा
"अरे, दोस्तों, रुक जाओ ज़रा, मुझे चोरों के
आने की आवाज सुनाई दे रही हैं"

तो अंधे ने कहा, "अरे, मूरख, तुझे आवाज़ सुनाई दे रही हैं
मुझे तो, मुझे तो चोर दिखाई दे रहे हैं"
तो लंगड़ा बोला, "चलो, चलो, भाग चलते हैं
तो भिकारी बोला, "अरे, जल्दी करो नहीं तो मैं लुट जाऊँगा"

(ज़िंदगी क्या है? इक लतीफ़ा है)
(जीने का यही बस तरीका है)

डुगडुगी बाजे डम-डम-डम
नाच बंदरिया छम-छम-छम

ज़िंदगी क्या है? एक लतीफ़ा है
ज़िंदगी क्या है? एक लतीफ़ा है
जीने का यही बस तरीका है
तो लो, तो लो, तो लो एक लतीफ़ा सुनो

एक मियाँ-बीवी आठवी मंज़िल पे रहते थे
मियाँ दफ़्तर जाने के लिए घर से निकला
नीचे सड़क पर आकर उसे याद आया
अरे, मेरा बटुआ तो ऊपर रह गया

उसने नीचे से आवाज़ लगाई
"बेग़म, अरी बेग़म, मेरा बटुआ नीचे फेंकिए
बेग़म ने कहा, "क्या कहा? ज़ोर से बोलिएँ हुज़ूर
मुझे कुछ सुनाई नहीं दे रहा"

मियाँ के गले में दूरबीन लटकी थी
उसे दूर की शुज़ी, उसने फ़ौरन दूरबीन आँखो पे लगाई
और अपनी बेग़म का नूरानी चेहरा
अपने चेहरे के बिल्कुल पास लाकर कहा
"बेग़म मेरा बटुआ नीचे फेंक दीजिए"

(ज़िंदगी क्या है? एक लतीफ़ा है)
(जीने का यही बस तरीका है)

ज़िंदगी क्या है? एक लतीफ़ा है
हाँ, ज़िंदगी क्या है? एक लतीफ़ा है
जीने का यही बस तरीका है
तो लो, तो लो, तो लो एक लतीफ़ा सुनो

एक आदमी हलवाई की दुकान पर गया
उसने रूपया फेंका और कहा
"ਓਏ, ਮੁੰਡਿਆਂ, ਇਕ ਤਾਜ਼ੀ ਔਰ ਮੀਠੀ ਲੱਸੀ ਬਣਾ"
दुकानदार ने कहा, "अभी लो बादशाह"

लस्सी पीते ही उस आदमी को गुस्सा आ गया
उसने दुकानदार से कहा
"तुम बासी और खट्टी लस्सी
पिलाकर ग्राहकों को लूटते हो
लाओ, लाओ मेरे पैसे वापस करो"

दुकानदार ने कहा, "हुज़ूर गुस्ताख़ी माफ़
पैसे लेना मेरा काम हैं, पैसे देना मेरा काम नहीं
मैं तो नौकर हूँ"
उस आदमी ने पूछा, "कहाँ है? कहाँ है दुकान का मालिक?"
नौकर ने कहा, "हुज़ूर वो पास वाली दुकान में लस्सी पीने गया है

ज़िंदगी क्या है? एक लतीफ़ा है
हाँ-हाँ, ज़िंदगी क्या है? एक लतीफ़ा है
जीने का यही बस तरीका है



Credits
Writer(s): Anand Bakshi, Kudalkar Laxmikant, Pyarelal Ramprasad Sharma
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link