Pyaar Kar

प्यार कर, इक़रार कर
इज़हार कर, इनकार कर
चाहे जो भी दे सज़ा
तुझे अपना दिल देने का है मज़ा

(प्यार कर)
(इक़रार कर)
(इज़हार कर)
(इनकार कर)

प्यार कर, इक़रार कर
इज़हार कर, इनकार कर
चाहे जो भी दे सज़ा
तुझे अपना दिल देने का है मज़ा
हो, तुझे अपना दिल देने का है मज़ा

प्यार कर, इक़रार कर
इज़हार कर, इनकार कर
चाहे जो भी दे सज़ा
तुझे अपना दिल देने का है मज़ा
हो, तुझे अपना दिल देने का है मज़ा

जब कोई लगता है दिल-ओ-जान से प्यारा
उसका नजरें चुराना नहीं होता है गँवारा

मजबूर करता है प्यार
ये दिल का सौदा है, यार
मजबूर करता है प्यार
ये दिल का सौदा है, यार

ये दिल का खेल अजीब है, यार
जीत में भी कभी होती है हार

जीत हो या हार हो
आर हो या पार हो
चाहे जो भी हो सज़ा
तुझे अपना दिल देने का है मज़ा
हो, तुझे अपना दिल देने का है मज़ा

ऐतबार हुआ है, मुझे प्यार हुआ है
कोई लगे अपना सा, पहली बार हुआ है

पाना है अब तो उसे
चाहा है दिल ने जिसे
पाना है अब तो उसे
चाहा है दिल ने जिसे

पाएगा कौन? खोएगा कौन?
किस का नसीब क्या जानेगा कौन?

जो भी हो नसीब में
महबूब हो क़रीब में
चाहे जो हो रब की रज़ा
तुझे अपना दिल देने का है मज़ा
हो, तुझे अपना दिल देने का है मज़ा

प्यार कर, इक़रार कर
इज़हार कर, इनकार कर
चाहे जो भी दे सज़ा
तुझे अपना दिल देने का है मज़ा
तुझे अपना दिल देने का है मज़ा



Credits
Writer(s): Sudhakar Sharma, Himesh Vipin Reshammiya
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