Aasman Ne

आसमान कहता है रब से, "तूने चाँद दो क्यूँ बनाए?"
आसमान कहता है रब से, "तूने चाँद दो क्यूँ बनाए?"
एक में रखा है दाग़, दूसरा है साफ़-साफ़
सब की नज़र उस पे जाए, हाँ

वही ही तो है, मेरी है वही तो
कि जिसको देख-देख चाँद जलता है
वही ही तो है, मेरी है वही तो
कि जिसको देख-देख चाँद जलता है

रब ने कहा, "ऐ, आसमाँ
उसे भेज के ज़मीं पे हम भी पछताए," हाए

वही ही तो है, मेरी है वही तो
कि जिसको देख-देख चाँद जलता है
वही ही तो है, मेरी है वही तो
कि जिसको देख-देख चाँद जलता है

उसको देख फूलों को होती है जलन
क्यूँकि उसकी ख़ुशबू में है सभी मगन
वो गुज़रे दूर से, हवा के शोर से
उसके आने का पता चले, यहाँ सभी ये जाने

आसमान कहता है रब से, "तूने चाँद दो क्यूँ बनाए?"
आसमान कहता है रब से, "तूने चाँद दो क्यूँ बनाए?"

सात रंग दुनिया में होते हैं, मगर
आठवाँ कहाँ है? किसे है क्या ख़बर?
जो उसको देख ले, वो पल में जान ले
रंग क्यूँ करे हैं कोशिशें रंग एक बनाने

आसमान कहता है रब से, "तूने चाँद दो क्यूँ बनाए?"
आसमान कहता है रब से, "तूने चाँद दो क्यूँ बनाए?"
एक में रखा है दाग़, दूसरा है साफ़-साफ़
सब की नज़र उस पे जाए, हाए

वही ही तो है, मेरी है वही तो
कि जिसको देख-देख चाँद जलता है
वही ही तो है, मेरी है वही तो
कि जिसको देख-देख चाँद जलता है

रब ने कहा, "ऐ, आसमाँ
उसे भेज के ज़मीं पे हम भी पछताए," हाए

वही ही तो है, मेरी है वही तो
कि जिसको देख-देख चाँद जलता है
वही ही तो है, मेरी है वही तो
कि जिसको देख-देख चाँद जलता है



Credits
Writer(s): Nitin Raikwar, Sandeep Chowta
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