Monta Re

कागज़ के दो पंख लेके, उड़ा चला जाए रे
जहाँ नहीं जाना था ये, वहीँ चला हाय रे
उमर का ये ताना-बाना समझ ना पाए रे
जुबां पे जो मोह-माया, नमक लगाये रे
के देखे ना, भाले ना, जाने ना दाये रे
दिशा हारा कैमोन बोका, मोन्टा रे!

कागज़ के दो पंख लेके, उड़ा चला जाए रे
जहाँ नहीं जाना था ये, वहीँ चला हाय रे
उमर का ये ताना-बाना समझ ना पाए रे
जुबां पे जो मोह-माया, नमक लगाये रे
के देखे ना, भाले ना, जाने ना दाये रे
दिशा हारा कैमोन बोका, मोन्टा रे!

फ़तेह करे किले सारे, भेद जाए दीवारें
प्रेम कोई सेंध लागे
अगर मगर बारी बारी, जिया को यूँ उछाले
जिया नहीं गेंद लागे
माटी को ये चंदन सा, माथे पे सजाये रे
जुबां पे जो मोह-माया, नमक लगाये रे
के देखे ना, भाले ना, जाने ना दाये रे
दिशा हारा कैमोन बोका, मोन्टा रे!



Credits
Writer(s): Amitabh Bhattacharya
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