Tumhare Shehar Ka Mausam - Live

ग़ज़ल में, ग़ज़ल में बंदिश-ओ-अल्फ़ाज़ ही नहीं काफ़ी
ग़ज़ल में, ग़ज़ल में बंदिश-ओ-अल्फ़ाज़ ही नहीं काफ़ी
जिगर का ख़ून भी कुछ चाहिए असर के लिए (वाह-वाह, वाह-वाह)
तुम्हारे शहर का मौसम, मौसम, मौसम, मौसम, मौसम, मौसम
तुम्हारे शहर का मौसम...

तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे
मैं एक शाम चुरा लूँ अगर बुरा ना लगे
मैं एक शाम चुरा लूँ अगर बुरा ना लगे
तुम्हारे शहर का मौसम...

जो डूबना है...
जो डूबना है तो इतने सुकून से डूबो
जो डूबना है तो इतने सुकून से डूबो
डूबो, डूबो, डूबो, डूबो, डू... (क्या बात है)

जो डूबना, जो डूबना है तो इतने सुकून से डूबो
कि आस-पास, कि आस-पास की लहरों को भी पता ना लगे
कि आस-पास की लहरों को भी पता ना लगे
कि आस-पास की लहरों को भी पता ना लगे
तुम्हारे शहर का मौसम...

तुम्हारे बस में अगर हो...
तुम्हारे बस में अगर हो तो भूल जाओ हमें
तुम्हारे बस में अगर हो तो भूल जाओ हमें
भूल जाओ हमें

तुम्हारे बस में अगर हो तो भूल जाओ हमें
तुम्हें भुलाने में शायद हमें ज़माना लगे
तुम्हें भुलाने में शायद हमें ज़माना लगे
तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे

ना जाने क्या है...
ना जाने क्या है किसी की उदास आँखों में
ना जाने क्या है किसी की उदास आँखों में
वो मुँह छिपा के भी जाए तो बेवफ़ा ना लगे
वो मुँह छिपा के भी जाए तो बेवफ़ा ना लगे
तुम्हारे शहर का मौसम...

हमारे प्यार से...
हमारे प्यार से जलने लगी है एक दुनिया
हमारे प्यार से जलने लगी है एक दुनिया
हमारे प्यार से जलने लगी है एक दुनिया
दुआ करो, दुआ करो किसी दुश्मन की बद्दुआ ना लगे
दुआ करो किसी दुश्मन की बद्दुआ ना लगे
तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे
मैं एक शाम चुरा लूँ अगर बुरा ना लगे

तुम्हारे शहर का मौसम...
तुम्हारे शहर का मौसम...
तुम्हारे शहर का मौसम...



Credits
Writer(s): Munni Begum, Qaiser Ul Jafri
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