Besharam

शक सा होने लगा, चीज़ें मैं खोने लगा
ख़यालों पे हँसने लगा, गानो पे रोने लगा
वेला सा फिरने लगा, मज़े में गिरने लगा
ख़ाबों की गीली फ़र्श पे उठने-फ़िसलने लगा

मजनूँ हो जाऊँगा मैं, सब को बताऊँगा मैं
बिलकुल हो जाऊँगा मैं बेशरम, बेशरम

गड़बड़ सी होने लगी, पागल मैं होने लगी
नींदें मेरी हैं गुमशुदा, फिर भी मैं सोने लगी
सुंदर सी दिखने लगी, शायरी लिखने लगी
चाहत के बाज़ारों में धड़कनें बिकने लगीं

अब ना छुपाऊँगी मैं, सब को बताऊँगी मैं
हाँ, जी हो जाऊँगी मैं बेशरम, बेशरम

कितना भी रोकूँ मैं उस को, दिल उधर जाता है
कितना भी रोकूँ मैं उस को...
क़दमों से छल कर के कोई खींच ले जाता है
क़दमों से छल कर के कोई...

Scent लगाने लगा, सीटी बजाने लगा
दीवारों पे, यारों, नाम वो सब को दिखाने लगा
अब तो चिल्लाऊँगा मैं, कुछ ना छुपाऊँगा मैं
बिलकुल हो जाऊँगा मैं बेशरम, हो, बेशरम

गाँजा सा बन के वो मुझ को ऐसे लुभाता है
गाँजा सा बन के वो मुझ को...
शीशे में देखूँ मैं तब भी वो नज़र आता है
शीशे में देखूँ मैं तब भी...

पलकों की छत पे कोई पतंगें उड़ाने लगा
गालों के बाग़ीचे में गर्मियाँ लाने लगा
झल्ली हो जाऊँगी मैं, टल्ली हो जाऊँगी मैं
बिलकुल हो जाऊँगा मैं बेशरम, बेशरम

शक सा होने लगा, चीज़ें मैं खोने लगा
पागल मैं होने लगी, नींदें भी खोने लगी
अब ना छुपाएँगे हम, सब को बताएँगे हम
हाँ, जी हो जाएँगे हम बेशरम, बेशरम

बेशरम, बेशरम
बेशरम, बेशरम



Credits
Writer(s): Siddharth, Radhika Anand, Sangeet Sangeet
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