Rind Posh Maal (From "Mission Kashmir")

फिर ज़र्रा-ज़र्रा महकेगा, खुश्बू के मौसम आएँगे
फिर चिनार की शाखों पे, पंछी घर अपने बनाएँगे
इन राहों से जाने वाले, फिर लौट के वापस आएँगे
फिर जन्नत की गलियों में, सब लोग ये नगमा गाएँगे
रिंद पोश माल गिंदने द्राये लो लो

रिंद पोश माल गिंदने द्राये लो लो
रिंद पोश माल गिंदने द्राये लो लो
सरगम के मीठे मीठे सुर घोलो
रिंद पोश माल गिंदने द्राये लो लो

हे आया हूँ मैं प्यार का ये नगमा सुनाने
सारी दुनिया को इक सुर में सजाने
सबके दिलों से नफ़रतों को मिटाने
आओ यारों मेरे संग संग बोलो
रिंद पोश माल गिंदने द्राये लो लो

हे आया हूँ मैं प्यार का ये नगमा सुनाने
सारी दुनिया को इक सुर में सजाने
सबके दिलों से नफ़रतों को मिटाने
आओ यारों मेरे संग संग बोलो
रिंद पोश माल गिंदने द्राये लो लो

जीत ले जो सबके दिल को, ऐसा कोई गीत गाओ
दोस्ती का साज़ छेड़ो, दुश्मनी को भूल जाओ
जीत ले जो सबके दिल को, ऐसा कोई गीत गाओ
दोस्ती का साज़ छेड़ो, दुश्मनी को भूल जाओ
आओ यारों मेरे संग संग बोलो
रिंद पोश माल गिंदने द्राये लो लो
रिंद पोश माल गिंदने द्राये लो लो
रिंद पोश माल गिंदने द्राये लो लो
रिंद पोश माल गिंदने द्राये लो लो

संगीत में है ऐसी फुहार, पतझड़ में भी जो लाए बहार
संगीत को ना रोके दीवार, संगीत जाए सरहद के पार
संगीत में है ऐसी फुहार, पतझड़ में भी जो लाए बहार
संगीत को ना रोके दीवार, संगीत जाए सरहद के पार
हो संगीत माने ना धर्म जात, संगीत से जुड़ी क़ायनात
संगीत की ना कोई ज़ुबान, संगीत में है गीता क़ुरान
संगीत में है अल्लाह-ओ-राम, संगीत में है दुनिया तमाम
तूफ़ानों का भी रुख मोड़ता है, संगीत टूटे दिल को जोड़ता है
रिंद पोश माल गिंदने द्राये लो लो
रिंद पोश माल गिंदने द्राये लो लो
रिंद पोश माल गिंदने द्राये लो लो
रिंद पोश माल गिंदने द्राये लो लो



Credits
Writer(s): Sameer Anjaan, Shankar Mahadevan, Ehsaan Noorani, Aloysuis Peter Mendonsa
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