Baadalon Ki Gehraaee

बादलों की गहराई में सोचें क्या, हुज़ूर?
ऊँचे-ऊँचे चेहरे हैं ज़मीं से कितने दूर
आहें भरती है ये ठंडी हवा
ऐसे रंगीं राहों में अब हम को क्या हुआ?

चाँद से तारों का है आपस का फ़ासला
बीच में ये गहना है, ये गहना दुनिया
इस दुनिया को कहते मजबूर
मिटा दिया खुद हस्ती को, ये है किसका क़ुसूर?

तमन्ना है ये एक, ऐसे यूँ कभी
हम बसाएँ कोई नया जहाँ
आशना हो ये दिल प्यार के क़ाबिल
साज़ ऐसी भी हो, सुने जहाँ

मुसाफ़िर को मिले रास्ता
ज़माने को मिले वास्ता

कैसे-कैसे परवानों की बातें मशहूर
जैसे ये नज़राने हैं, वैसे हैं ये सुरूर
है यक़ीं दिल में, सुबह आएगी ज़रूर
मिटेगा ये अँधेरा, होगा हर एक शय में नूर

प्यार करते इधर, यार बनते इधर
दास्तान-ए-सिफ़र सुनो यहाँ
ये भी होंगे ख़फ़ा, क्या पता, क्या गिला
हर क़दम पे मिले कोई नया

मुसाफ़िर को मिले रास्ता
ज़माने को मिले वास्ता



Credits
Writer(s): Lucky Ali, Syed Aslam
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