Kisi Tarah Bhi Nahi

जुदा रहकर जुदाई में कई सदमे उठाता हूं,
वफा तुझमें कहां तक है, ये मैं भी आज़माता हूं,
दबे कदमों चली आती है मेरे पास तनहाई,
तेरे ख़्वाबों का जब भी दिल में कोई घर बनाता हूं ।

किसी तरह भी नहीं ...
किसी तरह भी नहीं आएगा करार मुझे ...२
अगर मिला न मेरी जान तेरा प्यार मुझे... २

किसी तरह भी नहीं... ओ...
किसी तरह भी नहीं आएगा करार मुझे... २
अगर मिला न मेरी जान तेरा प्यार मुझे... २

तेरा ही ख़्वाब मेरी आंखों ने सजाया है, कि उम्र भर के लिए सिलसिला बनाया है... २

तेरा खयाल मेरे दिल से जा नहीं सकता,
मैं तुझको पाने की हसरत मिटा नहीं सकता।

न पा सका जो तुझे...
न पा सका जो तुझे मैं तो मेरा क्या होगा... २
खयाल आता है अब तो ये बार बार मुझे.२

किसी तरह भी नहीं आएगा करार मुझे,
अगर मिला न मेरी जान तेरा प्यार मुझे... २

शबाब-ए-हुस्न के जलवों की मस्तियां तौबा, अदा अदा में फडकती हैं बिजलियां तौबा... २

इन्हीं अदाओं का जादू चला दिया तूने,
बस एक पल में दिवाना बना दिया तूने।
हज़ार कोशिशें...
हज़ार कोशिशें कर लीं न बच सका लेकिन... २
नज़र के तीर से तूने किया शिकार मुझे... २

किसी तरह भी नहीं आएगा करार मुझे,
अगर मिला न मेरी जान तेरा प्यार मुझे... २

किसी तरह भी नहीं... ओ...
किसी तरह भी नहीं आएगा करार मुझे... २

अगर मिला न मेरी जान तेरा प्यार मुझे... ४



Credits
Writer(s): Faiz Anwar Qureshi, Milind Saagar
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