Char Din Ka Safar - Sad Version

ये जीवन है नार अलबेली, ससुराल जाए अकेली
जाने कैसा घर है पी का, सुलझे नहीं ये पहेली
ज़िन्दगी की दुल्हन छोड़ जाएगी तन
ज़िन्दगी की दुल्हन छोड़ जाएगी तन
ज़िन्दगी की दुल्हन छोड़ जाएगी तन

डोली चढ़ जाए, कब ये जवाँ है?
चार दिन का सफ़र ये यहाँ है
मुस्कुरा ले, बहुत कम समाँ है

ज़िन्दगी में ख़ुशी है घड़ी दो घड़ी
हर क़दम पर नया इम्तिहाँ है
चार दिन का सफ़र ये यहाँ है
मुस्कुरा ले, बहुत कम समाँ है



Credits
Writer(s): Anu Malik, Sikander Bharti
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