Khamoshi Thi Mach Gaya Shor

खामोशी थी, मच गया शोर
आया, आया मेरे दिल का चोर
खामोशी थी, मच गया शोर
आया, आया मेरे दिल का चोर

वो तुम नहीं, वो तुम नहीं
वो तो है कोई और
वो तुम नहीं, वो तुम नहीं
वो तो है कोई और

खामोशी थी, मच गया शोर
आया, आया मेरे दिल का चोर

मेरा दिल, मेरी जाँ, वो मेरी धड़कनों की ज़ुबाँ
मैं भला क्या करूँ? वो सुने ना मेरी दास्ताँ
मेरा दिल, मेरी जाँ, वो मेरी धड़कनों की ज़ुबाँ
मैं भला क्या करूँ? वो सुने ना मेरी दास्ताँ

बेरहम, बेख़बर, है उसे क्या ख़बर?
उसपे तो मेरा ना चले जान-ए-मन कोई ज़ोर

खामोशी थी, मच गया शोर
आया, आया मेरे दिल का चोर

मैं यहाँ, वो कहाँ? ढूँढती हैं उसी को नज़र
छोड़े ना बेरुख़ी, जाने ना मेरा दर्द-ए-जिगर
मैं यहाँ, वो कहाँ? ढूँढती हैं उसी को नज़र
छोड़े ना बेरुख़ी, जाने ना मेरा दर्द-ए-जिगर

हुस्न की ये अदा देखे ना, दिलरुबा
ना जुड़े दिल के अरमानों से चाहत की डोर

खामोशी थी, मच गया शोर
आया, आया मेरे दिल का चोर

वो तुम नहीं, वो तुम नहीं
वो तो है कोई और
वो तुम नहीं, वो तुम नहीं
वो तो है कोई और

खामोशी थी, मच गया शोर
आया, आया मेरे दिल का चोर



Credits
Writer(s): Sameer, Milind Shrivastav, Anand Shrivastav
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