Mujhe Kya Pata Tera Ghar

मुझे क्या पता, तेरा घर है कहाँ?

मुझे क्या पता, तेरा घर है कहाँ?
मुझे क्या पता, तेरा घर है कहाँ?
जहाँ तेरी मर्ज़ी, तू ले चल वहाँ
जहाँ तेरी मर्ज़ी, तू ले चल वहाँ

मुझे क्या पता, तेरा घर है कहाँ?
मुझे क्या पता, तेरा घर है कहाँ?
जहाँ तेरी मर्ज़ी, तू ले चल वहाँ
जहाँ तेरी मर्ज़ी, तू ले चल वहाँ

डरता है मेरा दिल, कितना अँधेरा हैं
लगता है मुझ को, ये भूतों का डेरा हैं

डरता है मेरा दिल, कितना अँधेरा हैं
लगता है मुझ को, ये भूतों का डेरा हैं
हाँ, तेरा दीवाना मैं, तू मुझ पे मरती हैं
चाहत की राहों में क्यूँ इतना डरती हैं?

ऐसे ना ले तू मेरा इम्तिहाँ

मुझे क्या पता, तेरा घर है कहाँ?
मुझे क्या पता, तेरा घर है कहाँ?
जहाँ तेरी मर्ज़ी, तू ले चल वहाँ
हाँ, जहाँ तेरी मर्ज़ी, तू ले चल वहाँ

ना कोई आता हैं, ना कोई जाता हैं
झोंका हवा का भी धड़कन बढ़ाता है

ओ, ना कोई आता हैं, ना कोई जाता हैं
झोंका हवा का भी धड़कन बढ़ाता है
आ, मेरी जान-ए-जाँ, ले लूँ मैं बाँहों में
दिलवाले मिलते हैं ऐसी ही राहों में

पहले ना देखा था ऐसा जहाँ

मुझे क्या पता, तेरा घर है कहाँ?
मुझे क्या पता, तेरा घर है कहाँ?
जहाँ तेरी मर्ज़ी, तू ले चल वहाँ
जहाँ तेरी मर्ज़ी, तू ले चल वहाँ

आज घर जाना नहीं, आज घर जाना नहीं
आज घर जाना नहीं, आज घर जाना नहीं
घरवाले करेंगे इंतज़ार, लोग करेंगे बातें हज़ार

देखो, पछताना नहीं, आज घर जाना नहीं
देखो, पछताना नहीं, आज घर जाना नहीं



Credits
Writer(s): Shravan, Saima Nadeem
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