Yeh Zindagi Hai Ek Juaa - Asha Bhosle

इक्के को बादशाह ने मारा
बादशाह जो बेगम से हारा
और ग़ुलाम क़िस्मत का मारा, बेचारा

ये ज़िंदगी है एक जुआ, कभी जीत भी, कभी हर भी
यहाँ दुश्मनों की भीड़ में मिल जाएँगे तुझे यार भी
तू खेलता जा, खेलता जा बाज़ियों पे बाज़ियाँ
तू खेलता जा, खेलता जा बाज़ियों पे बाज़ियाँ, बाज़ियाँ

ये ज़िंदगी है एक जुआ, कभी जीत भी, कभी हर भी
यहाँ दुश्मनों की भीड़ में मिल जाएँगे तुझे यार भी

एक बाज़ी तूने जीती, एक बाज़ी मैंने हारी
एक बाज़ी मैंने जीती, एक बाज़ी तूने हारी
कौन जीता, कौन हरा, ये है क़िस्सा बाद का

ये ज़िंदगी है एक जुआ, कभी जीत भी, कभी हर भी
यहाँ दुश्मनों की भीड़ में मिल जाएँगे तुझे यार भी

जब तलक है बंद मुट्ठी, है वो प्यारे लाख की
और जैसे ही खुली, हो जाएगी वो ख़ाक की
लाख क्या और ख़ाक क्या, ये है क़िस्सा बाद का

ये ज़िंदगी है एक जुआ, कभी जीत भी, कभी हार भी
यहाँ दुश्मनों की भीड़ में मिल जाएँगे तुझे यार भी

ये ज़माना तुझसे है, तू ज़माने से नहीं
हर फ़साना तुझसे है, तू फ़साने से नहीं
एक दिन ज़ालिम जहाँ तेरी दास्ताँ दोहराएगा

ये ज़िंदगी है एक जुआ, कभी जीत भी, कभी हार भी
यहाँ दुश्मनों की भीड़ में मिल जाएँगे तुझे यार भी
तू खेलता जा, खेलता जा बाज़ियों पे बाज़ियाँ
तू खेलता जा, खेलता जा बाज़ियों पे बाज़ियाँ, बाज़ियाँ

ये ज़िंदगी है एक जुआ, कभी जीत भी, कभी हार भी
यहाँ दुश्मनों की भीड़ में मिल जाएँगे तुझे यार भी

(ज़िंदगी है एक जुआ, कभी जीत भी, कभी हार भी)
(यहाँ दुश्मनों की भीड़ में मिल जाएँगे तुझे यार भी)
(तू खेलता जा, खेलता जा बाज़ियों पे बाज़ियाँ)
(तू खेलता जा, खेलता जा बाज़ियों पे बाज़ियाँ)



Credits
Writer(s): Mehra Prakash, Bappi Lahiri
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