Jab Chali Thandi Hawa - From "Do Badan"

जब चली ठंडी हवा, जब उठी काली घटा
मुझको ऐ जान-ए-वफ़ा, तुम याद आए
जब चली ठंडी हवा, जब उठी काली घटा
मुझको ऐ जान-ए-वफ़ा, तुम याद आए

ज़िन्दगी की दास्तां, चाहे कितनी हो हसीं
बिन तुम्हारे कुछ नहीं
बिन तुम्हारे कुछ नहीं

क्या मज़ा आता सनम, आज भूले से कहीं
तुम भी आ जाते यहीं
तुम भी आ जाते यहीं
ये बहारें ये फ़िज़ा, देखकर ओ दिलरुबा
जाने क्या दिल को हुआ, तुम याद आये
जब चली ठंडी हवा, जब उठी काली घटा
मुझको ऐ जान-ए-वफ़ा, तुम याद आए

ये नज़ारे ये समां, और फिर इतने जवाँ
हाए रे ये मस्तियाँ
हाए रे ये मस्तियाँ

ऐसा लगता है मुझे, जैसे तुम नज़दीक हो
इस चमन से जान-ए-जाँ
इस चमन से जान-ए-जाँ
सुन के पी पी की सदा, दिल धड़कता है मेरा
आज पहले से सिवा, तुम याद आये
जब चली ठंडी हवा, जब उठी काली घटा
मुझको ऐ जान-ए-वफ़ा, तुम याद आए



Credits
Writer(s): Ravi, Shakeel Badayuni
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link