Ek Haseen Sham Ko Dil Mera Kho Gaya - From "Dulhan Ek Raat Ki"

एक हसीं शाम को दिल मेरा खो गया
एक हसीं शाम को दिल मेरा खो गया
पहले अपना हुआ करता था, अब किसी का हो गया
एक हसीं शाम को दिल मेरा खो गया

मुद्दतों से आरज़ू थी ज़िंदगी में कोई आए
सूनी-सूनी ज़िंदगी में कोई शमा झिलमिलाए
वो जो आए तो रोशन ज़माना हो गया
एक हसीं शाम को दिल मेरा खो गया

मेरे दिल के कारवाँ को ले चला है आज कोई
शबनमी सी जिस की आँखें, थोड़ी जागी, थोड़ी सोई
उन को देखा तो मौसम सुहाना हो गया
एक हसीं शाम को दिल मेरा खो गया

एक हसीं शाम को दिल मेरा खो गया
पहले अपना हुआ करता था, अब किसी का हो गया
एक हसीं शाम को दिल मेरा खो गया



Credits
Writer(s): Madan Mohan, Raja Mehdi Ali Khan
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