O Haseena Zulfonwale Jane Jahan - From "Teesri Manzil"

ओ, हसीना ज़ुल्फ़ों वाली, जान-ए-जहाँ
ढूँढती हैं क़ाफ़िर आँखें किस का निशाँ?

ओ, हसीना ज़ुल्फ़ों वाली, जान-ए-जहाँ
ढूँढती हैं क़ाफ़िर आँखें किस का निशाँ?
महफ़िल-महफ़िल, ऐ शमा, फिरती हो कहाँ?
हाँ, महफ़िल-महफ़िल, ऐ शमा, फिरती हो कहाँ?

वो अनजाना ढूँढती हूँ
वो दीवाना ढूँढती हूँ
जलाकर जो छिप गया है
वो परवाना ढूँढती हूँ

गर्म हैं, तेज़ हैं ये निगाहें मेरी
काम आ जाएँगी सर्द आहें मेरी
Hey, तुम किसी राह में तो मिलोगे कहीं
अरे, इश्क़ हूँ, मैं कहीं ठहरता ही नहीं

मैं भी हूँ गलियों की परछाई
कभी यहाँ, कभी वहाँ
शाम ही से कुछ हो जाता है
मेरा भी जादू जवाँ

ओ, हसीना ज़ुल्फ़ों वाली, जान-ए-जहाँ
ढूँढती हैं क़ाफ़िर आँखें किस का निशाँ?
महफ़िल-महफ़िल, ऐ शमा, फिरती हो कहाँ?
महफ़िल-महफ़िल, ऐ शमा, फिरती हो कहाँ?

वो अनजाना ढूँढती हूँ
वो दीवाना ढूँढती हूँ
जलाकर जो छिप गया है
वो परवाना ढूँढती हूँ

छिप रहे हैं, ये क्या ढंग है आप का?
आज तो कुछ नया रंग है आप का
हाय, आज की रात मैं क्या से क्या हो गई
आहा, आप की सादगी तो बला हो गई

मैं भी हूँ गलियों की परछाई
कभी यहाँ, कभी वहाँ
शाम ही से कुछ हो जाता है
मेरा भी जादू जवाँ

ओ, हसीना ज़ुल्फ़ों वाली, जान-ए-जहाँ
ढूँढती हैं क़ाफ़िर आँखें किस का निशाँ?
महफ़िल-महफ़िल, ऐ शमा, फिरती हो कहाँ?
महफ़िल-महफ़िल, ऐ शमा, फिरती हो कहाँ?

वो अनजाना ढूँढती हूँ
वो दीवाना ढूँढती हूँ
जलाकर जो छिप गया है
वो परवाना ढूँढती हूँ

ठहरिए तो सही, कहिए क्या नाम है?
मेरी बदनामियों का "वफ़ा" नाम है
ओहो, क़त्ल करके चले, ये वफ़ा ख़ूब है
हाय, नादाँ, तेरी ये अदा ख़ूब है

मैं भी हूँ गलियों की परछाई
कभी यहाँ, कभी वहाँ
शाम ही से कुछ हो जाता है
मेरा भी जादू जवाँ

ओ, हसीना ज़ुल्फ़ों वाली, जान-ए-जहाँ
ढूँढती हैं क़ाफ़िर आँखें किस का निशाँ?
महफ़िल-महफ़िल, ऐ शमा, फिरती हो कहाँ?
महफ़िल-महफ़िल, ऐ शमा, फिरती हो कहाँ?

वो अनजाना ढूँढती हूँ
वो दीवाना ढूँढती हूँ
जलाकर जो छिप गया है
वो परवाना ढूँढती हूँ



Credits
Writer(s): Rahul Dev Burman, Majrooh Sultanpuri
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