Pyar Kiya to Darna Kya - From "Mughal-E-Azam"

इंसान किसी से दुनिया में
एक बार मोहब्बत करता है
इस दर्द को लेकर जीता है
इस दर्द को लेकर मरता है

प्यार किया तो डरना क्या?
जब प्यार किया तो डरना क्या?
प्यार किया, कोई चोरी नहीं की
प्यार किया

प्यार किया, कोई चोरी नहीं किया
छुप-छुप आहें भरना क्या?
जब प्यार किया तो डरना क्या?
प्यार किया तो डरना क्या?
जब प्यार किया तो डरना क्या?

आज कहेंगे दिल का फ़साना
जान भी ले-ले चाहे ज़माना
आज कहेंगे दिल का फ़साना
जान भी ले-ले चाहे ज़माना

मौत वो ही जो दुनिया देखें
मौत वो ही जो दुनिया देखें
घुट-घुट कर यूँ मरना क्या?

जब प्यार किया तो डरना क्या?
प्यार किया तो डरना क्या?
जब प्यार किया तो डरना क्या?

उनकी तमन्ना दिल में रहेगी
शम्मा इसी महफ़िल में रहेगी
उनकी तमन्ना दिल में रहेगी
शम्मा इसी महफ़िल में रहेगी

इश्क़ में जीना, इश्क़ में मरना
इश्क़ में जीना, इश्क़ में मरना
और हमें अब करना क्या?

जब प्यार किया तो डरना क्या?
प्यार किया तो डरना क्या?
जब प्यार किया तो डरना क्या?

छुप ना सकेगा इश्क़ हमारा
चारों तरफ़ हैं उनका नज़ारा
(छुप ना सकेगा इश्क़ हमारा)
(चारों तरफ़ हैं उनका नज़ारा)

परदा नहीं जब कोई खुदा से
परदा नहीं जब कोई खुदा से
बंदों से परदा करना क्या?
जब प्यार किया तो डरना क्या?

(प्यार किया तो डरना क्या?)
(जब प्यार किया तो डरना क्या?)
(प्यार किया, कोई चोरी नहीं किया)

(छुप-छुप आहें भरना क्या?)
(जब प्यार किया तो डरना क्या?)
(जब प्यार किया तो डरना क्या?)



Credits
Writer(s): Majrooh Sultanpuri, Rahul Dev Burman
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