Mujhko Yakeen Hai - Live In India/2001

मुझको यकीन है

मुझको यकीन है
सच केहती थी
जो भी अम्मी केहती थी
मुझको यकीन है

मुझको यकीन है
सच केहती थी
जो भी अम्मी केहती थी
जब मेरे बचपन के दीने थे
जब मेरे बचपन के दीने थे
चाँद में परिया रेहती थी
मुझको यकीन है
सच केहति थी
जो भी अम्मी केहती थी

जब मेरे बचपन के दीने थे
चाँद में परिया रेहती थी
मुझको यकीन है
सच केहती थी
जो भी अम्मी केहती थी

एक ये दिन जब अपनों ने भी
हमसे नाता तोड़ लिया
एक वो दिन जब पेड़ की शाखें
बोझ हमारा सेहती थी
मुझको यकीन है, सच केहती थी
जो भी अम्मी केहती थी

एक ये दिन जब लाखों गम
और काल पड़ा है आँसू का

एक ये दिन जब लाखों गम
और काल पड़ा है आँसू का
एक वो दिन जब एक ज़रा सी
बात पे नदियाँ बहती थी

मुझको यकीन है
सच केहति थी
जो भी अम्मी केहति थी

जब मेरे बचपन के दीने थे
जब मेरे बचपन के दीने थे
जब मेरे बचपन के दीने थे
चाँद में परिया रेहती थी

मुझको यकीन है
सच केहति थी
जो भी अम्मी केहति थी
जो भी अम्मी केहति थी
जो भी अम्मी केहति थी



Credits
Writer(s): Javed Akhtar, Jagjit Singh
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