Hai Ikhtiar Mein Tere

है इख़्तियार में तेरे तो मोजिज़ा कर दे
है इख़्तियार में तेरे तो मोजिज़ा कर दे
वो शख़्स मेरा नहीं है उसे मेरा कर दे
है इख़्तियार में तेरे तो मोजिज़ा कर दे

ये रेगज़ार कहीं ख़त्म ही नहीं होता
ये रेगज़ार कहीं ख़त्म ही नहीं होता
ज़रा सी दूर तो रस्ता हरा-भरा कर दे
है इख़्तियार में तेरे तो मोजिज़ा कर दे

मैं उसके ज़ोर को देखूँ वो मेरा सब्र-ओ-सुकूँ
मैं उसके ज़ोर को देखूँ वो मेरा सब्र-ओ-सुकूँ
मुझे चराग़ बना दे, उसे हवा कर दे
है इख़्तियार में तेरे तो मोजिज़ा कर दे

अकेली शाम बहुत ही उदास करती है
अकेली शाम बहुत ही उदास करती है
किसी को भेज कोई मेरा हमनवा कर दे
है इख़्तियार में तेरे तो मोजिज़ा कर दे
वो शख़्स मेरा नहीं है उसे मेरा कर दे
है इख़्तियार में तेरे तो मोजिज़ा कर दे



Credits
Writer(s): Rana Sahari, Jagjit Singh
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