Tu Kahan Aa Gayi Zindagi

तू कहाँ आ गई ज़िन्दगी
तू कहाँ आ गई ज़िन्दगी

ग़मों के सेहरा में, दुखों की दुनिया में
मिली ये नयी ज़िन्दगी
ग़मों के सेहरा में, दुखों की दुनिया में
मिली ये नयी ज़िन्दगी
तू कहाँ आ गई ज़िन्दगी

मेरे नाकाम ख्वाबों की ताबीर तू
जिसने लूटा मुझे उसकी तस्वीर तू
मेरे सीने से लग जा मेरी ज़िन्दगी
तू कहाँ आ गई ज़िन्दगी

अपनी तनहाईयाँ लेके जाती हूँ मैं
अपनी रुसवाईयाँ लेके जाती हूँ मैं
के तुझे रास आए तेरी ज़िन्दगी
ज़िन्दगी, ज़िन्दगी, ज़िन्दगी

मुझको डसती थी साँसें मेरी बनके नाग
आज तूने चिता को दिखाई जो आग
मौत मेरे लिए बन गई ज़िन्दगी
ज़िन्दगी, ज़िन्दगी, ज़िन्दगी

ग़मों के सेहरा में, दुखों की दुनिया में
मिली ये नयी ज़िन्दगी
ज़िन्दगी, ज़िन्दगी, ज़िन्दगी



Credits
Writer(s): Bappi Lahiri, Kaifi Azmi
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