Main Tasveer Utarta Hoon

हाँ, ज़रा हँस के
ज़रा और खिलखिलाके
Steady, please

मैं तस्वीर उतारता हूँ
बिखरी हुई हसीनों की ज़ुल्फ़ें सँवारता हूँ
फिर ज़ुल्फ़ों के साए में मैं रातें गुज़ारता हूँ

मैं तस्वीर उतारता हूँ
बिखरी हुई हसीनों की ज़ुल्फ़ें सँवारता हूँ
फिर ज़ुल्फ़ों के साए में मैं रातें गुज़ारता हूँ

कोई हसीना कितनी भी मग़रूर हो
हुस्न की दुनिया में कितनी मशहूर हो
कोई हसीना कितनी भी मग़रूर हो
हुस्न की दुनिया में कितनी मशहूर हो

मस्ती में चूर हो, पास हो कि दूर हो
अरे, मस्ती में चूर हो, पास हो कि दूर हो
दौड़ी चली आती है, मैं जिसको पुकारता हूँ
मैं तस्वीर उतारता हूँ

चाँद की भी ना पड़ी जिन पे किरण
मैंने देखे उन हसीनों के बदन
चाँद की भी ना पड़ी जिन पे किरण
मैंने देखे उन हसीनों के बदन

मेरा ऐसा है चलन, जान-ए-जाँ, ओ, जान-ए-मन
तोड़ के सारे पर्दे मैं सब को निहारता हूँ

मैं तस्वीर उतारता हूँ
हाए, बिखरी हुई हसीनों की ज़ुल्फ़ें सँवारता हूँ
फिर ज़ुल्फ़ों के साए में मैं रातें गुज़ारता हूँ

थक के साहिल पे समंदर सो गया
याद तेरी आ गई, मैं खो गया
थक के साहिल पे समंदर सो गया
याद तेरी आ गई, मैं खो गया

ये गया, मैं वो गया, ये मुझे क्या हो गया?
ये गया, मैं वो गया, ये मुझे क्या हो गया?
नाम तेरा लेता हूँ, मैं जिसको पुकारता हूँ



Credits
Writer(s): Anand Bakshi, Rahul Dev Burman
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