Aai Hoon Main

आई हूँ मैं दिल के मारो में
कि जो खुल के नहीं कहती वो कहती हूँ इशारों में
आई हूँ मैं दिल के मारो में
कि जो खुल के नहीं कहती वो कहती हूँ इशारों में
आई...

जाना नहीं बाहर, ग़म का है पहरा, अरे, दिल के मारो, कहाँ चल दिए?
हमसे छुपोगे, छिपने ना देंगे तुम्हें, जलते दीये
जाना नहीं बाहर, ग़म का है पहरा, अरे, दिल के मारो, कहाँ चल दिए?
हमसे छुपोगे, छिपने ना देंगे तुम्हें, जलते दीये

ओ, झिलमिल-झिलमिल परदों के पीछे
जलती-बुझती आँखें हैं दीवारों में

आई हूँ मैं, अरे, दिल के मारो में
कि जो खुल के नहीं कहती वो कहती हूँ इशारों में
आई...

देखो, ज़रा कैसे मुझको जलाए, ये जो चाँदनी मेरे तन पे ढले
डाली भी टूटे फूलों के जैसा, हाँ, मेरा चेहरा खिले
देखो, ज़रा कैसे मुझको जलाए, ये जो चाँदनी मेरे तन पे ढले
डाली भी टूटे फूलों के जैसा, हाँ, मेरा चेहरा खिले

ओ, यही है वो क़ातिल जिसके नहीं दिल
ये ना जानो, बैठे हो दिलदारों में

आई हूँ मैं, अरे, दिल के मारो में
कि जो खुल के नहीं कहती वो कहती हूँ इशारों में
आई हूँ मैं, अरे, दिल के मारो में
कि जो खुल के नहीं कहती वो कहती हूँ इशारों में

आई...



Credits
Writer(s): Majrooh Sultanpuri, Rahul Dev Burman
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