Loote Koi Man Ka Nagar

लूटे कोई मन का नगर बन के मेरा साथी
लूटे कोई मन का नगर बन के मेरा साथी
कौन है वो?

अपनों में कभी ऐसा कहीं होता है?
ये तो बड़ा धोका है
लूटे कोई मन का नगर बन के मेरा साथी

यहीं पे कहीं है मेरे मन का चोर
नज़र पड़े तो बैयाँ दूँ मरोड़
यहीं पे कहीं है मेरे मन का चोर
नज़र पड़े तो बैयाँ दूँ मरोड़

जाने दो, जैसे तुम प्यारे हो
वो भी मुझे प्यारा है, जीने का सहारा है
देखो जी, तुम्हारी यही बतियाँ
मुझको हैं तड़पाती

लूटे कोई मन का नगर...
लूटे कोई मन का नगर बन के मेरा साथी

रोग मेरे जी का मेरे दिल का चैन
साँवला सा मुखड़ा, उसपे कारे नैन
रोग मेरे जी का मेरे दिल का चैन
साँवला सा मुखड़ा, उसपे कारे नैन

ऐसे को रोके अब कौन भला?
दिल से जो प्यारी है, सजनी हमारी है
का करूँ मैं बिन उसके?
रह भी नहीं पाती

लूटे कोई मन का नगर...
लूटे कोई मन का नगर बन के मेरा साथी
लूटे कोई मन का नगर बन के मेरा साथी

साथी, साथी



Credits
Writer(s): Majrooh Sultanpuri, S.d. Burman
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