Piya Tujh Aashna Hoon Main

पिया तुझ आशना हूँ मैं
तू बेग़ाना ना कर मुझको
पिया तुझ आशना हूँ मैं
तू बेग़ाना ना कर मुझको

रेतिनी यकरत तुझे याद बिन, याद बिन
तू ना बिसर मुझको, तू ना बिसर मुझको

तेरे पग तल रखी हूँ शीश
फ़ज़ल जिनसे अवध तक भी
अजब क्या है जो मित सार भुई
धनी सातों अंबर मुझको

पिया तुझ आशना हूँ मैं
तू बेग़ाना ना कर मुझको
तू ना बिसर मुझको

जहाँ तुम वहाँ हूँ मैं क्या रे?
मंजे क्या काम है किस सु?
नबुतखा का ना मुझको परवाह
ना मस्ज़िद का ख़बर मुझको

पिया तुझ आशना हूँ मैं
तू बेग़ाना ना कर मुझको
तू ना बिसर मुझको

तेरे नेहे मद का मैं
सरमस्त हूँ मैं, मतवाला हूँ, प्यारी
के उस मदबौझ जुदा तरसे भी हो
मद का असर मुझको

पिया तुझ आशना हूँ मैं
तू बेग़ाना ना कर मुझको

रेतिनी यकरत तुझे याद बिन, याद बिन
तू ना बिसर मुझको, तू ना बिसर मुझको

तू ना बिसर मुझको



Credits
Writer(s): Vanraj Bhatia, Mohd. Quil Qutb Shah
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