O Mere Sanam Revival

ओ मेरे सनम ओ मेरे सनम
दो जिस्म मगर एक जान हैं हम
एक दिल के दो अरमान हैं हम
ओ मेरे सनम ओ मेरे सनम

तन सौंप दिया, मन सौंप दिया, कुछ और तो मेरे पास नहीं
जो तुम से है मेरे हमदम, भगवान से भी वो आस नहीं
भगवान से भी वो आस नहीं
जिस दिन से हुए एक दूजे के, इस दुनिया से अनजान है हम
एक दिल के दो अरमान हैं हम
ओ मेरे सनम ओ मेरे सनम

सुनते हैं प्यार की दुनिया में, दो दिल मुश्किल से समाते हैं
क्या गैर वहाँ अपनों तक के, साये भी ना आने पाते हैं
साये भी ना आने पाते हैं
हमने आखिर क्या देख लिया, क्या बात है क्यों हैरान है हम
एक दिल के दो अरमान हैं हम
ओ मेरे सनम ओ मेरे सनम

मेरे अपने, अपना ये मिलन, संगम है ये गंगा जमुना का
जो सच है सामने आया है, जो बीत गया एक सपना था
जो बीत गया एक सपना था
ये धरती है इन्सानों की, कुछ और नहीं इन्सान हैं हम
एक दिल के दो अरमान हैं हम, ओ मेरे सनम ओ मेरे सनम



Credits
Writer(s): Shankar-jaikishan, Shailendra
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