Yahin Kahin Jiara Hamar

यहीं कहीं जियरा हमार
ए, गोरिया, गुम होई गवा रे
यहीं कहीं जियरा हमार
ए, गोरिया, गुम होई गवा रे, हे

जिया बिना जीना बेकार
ई का जुलुम हो गवा रे?
यहीं कहीं जियरा हमार
ए, गोरिया, गुम होई गवा रे

देखा तुझे, नैन हुए बाँवरे
बाँवरे, बाँवरे
मैं भी तो खो गई हूँ, साँवरे
साँवरे, साँवरे

चाल तेरी चंचल, जिऊ नदिया की धारा
मेरा सागर तेरी बाँहों का किनारा

मैं तेरी...
मैं तेरी लजवंती नार
और तू बलम हुई गवा रे

ओए-होए, यहीं कहीं जियरा हमार
ए, गोरिया, गुम होई गवा रे

रब हमरे साथ, तू जो साथ रे
साथ रे, साथ रे
लब पे तेरे हमरी ही बात रे
बात रे, बात रे

ई दुनिया का सबकुछ इक तुझमें ही पाया
माँगू मैं क्या, जब तू जीवन में आया

लाज तूने...
लाज तूने रख ली हमार
हमरा दूजा जनम हुई गवा रे

ओ, यहीं कहीं जियरा हमार
ए, गोरिया, गुम होई गवा रे

बैठा रहूँ अँचरा की छाँव रे
छाँव रे, छाँव रे
चरणों में तेरे मेरा गाँव रे
गाँव रे, गाँव रे

गोरे-गोरे रूप की ये रोशनी है गोरी
चंदा तू मेरा, मैं तोरी चकोरी

तोरी खुशी...
तोरी खुशी खुशी है हमार
तोरा ग़म अपना ग़म होई गवा रे

यहीं कहीं जियरा हमार
ए, गोरिया, गुम होई गवा रे

जिया बिना जीना बेकार
ई का जुलुम हो गवा रे?



Credits
Writer(s): Shyamlal Harlal Rai Indivar, Nagrath Rajesh Roshan
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