Kab Ke Bichhade

कब के बिछड़े आज मिले हैं
अब तुम दूर ना जाना
बाबा अपनी इस गुड़िया को
देखो फिर ना रुलाना

कब के बिछड़े आज मिले हैं
अब तुम दूर ना जाना
बाबा अपनी इस गुड़िया को
देखो फिर ना रुलाना

तुमको पाके मेरे बाबा
जैसे बचपन लौट आया
बरसों तरसती रही है तुम्हारी लाडली



Credits
Writer(s): Raam Laxman, Ravinder Rawal
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